हंता वायरस क्या है : Hanta Virus Kya hai
हंता वायरस (Hanta Virus) से चीन में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि 32 लोग इस वायरस के संक्रमित हो चुके है। CDC के मुताबिक , यह वायरस खासतौर पर चीज़ो को कुतरने वाले जीवो से फैलता है जैसे चूहे और गिलहरी। यह वायरस चूहे के यूरिन , मल और लार के संपर्क में आने वाले इंसान को संक्रमित कर देता है। इस वायरस से पल्मोनरी सिंड्रोम नाम की बीमारी होती है
पल्मोनरी सिंड्रोम बीमारी का मतलब है , ये बीमारी जिस भी व्यक्ति को होता है उसके फेफड़ो में पानी भर जाता है , जिस वजह से वो साँस भी नहीं ले पाता है और अंततः उसकी मौत हो जाती है
तो ये बोहत ही खतरनाक बीमारी है , अगर ये बीमारी किसी को हो जाती है तो 38 % तक चांस बन जाता है की उस व्यक्ति की मौत हो सकती है , लेकिन ये वायरस उतना खतरनाक नहीं है किन्तु जानलेवा बीमारी है क्युकी इससे अगर आप डायरेक्ट चूहे के संपर्क में आते है तभी आपको इस तरीके की बीमारी हो सकती है , इस तरह के वायरस आपके चपेट में आ सकते है। अगर आप चूहे के मल से या उसके लार से डायरेक्ट संपर्क में नहीं आते है तो ये वायरस आपको संक्रमित नहीं कर सकता है
हंता वायरस के लक्षण : Hanta Virus ke Lakshan
हंता वायरस (Hanta Virus) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है और इसके संक्रमण का पता लगाने में आठ हफ्तों का वक्त लग सकता है। अगर कोई व्यक्ति हंता वायरस से संक्रमित है तो उसे बुखार , दर्द , सर्दी, बदन दर्द , उल्टी जैसी दिक्कते हो सकती है। इस से संक्रमित व्यक्ति की हालत बिगड़ने पर फेफड़ो में पानी भरने और साँस लेने में तकलीफ भी हो सकती है और अंततः उसकी मौत हो जाती है
कोरोना वायरस और हंता वायरस में क्या अंतर है : Corona Virus or Hanta Virus Me Kya Antar Hai
CDC के मुताबिक यह वायरस Corona Virus से भी खतरनाक है क्युकी इसमें मृत्यु दर 38 % है। इसके अराराक्वॉयरा स्ट्रेन से संक्रमित होने पर 54 फीसदी लोगो की मौत हो सकती है। अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। जबकि Corona Virus से मृत्यु दर सिर्फ तीन से चार फीसदी है।
जनवरी 2019 में हंता से संक्रमित नौ लोगो की पेटागोनिया में मोत हो गयी थी। इसके बाद पर्यटको को आगाह भी किया गया था , तब के एक अनुमान के मुताबिक हंता वायरस से संक्रमित लोगो के साठ मामले सामने आये थे , जिसमे से 50 को क्वारंटीन रखा गया था उस समय किसी ने भी इसको गंभीरता से नहीं लिया था और उसी के बाद उसका नतीजा ये हुआ की हंता वायरस चीन में दस्तख दे चूका है।
हाल ही में ग्लोबल टाइम्स में रिपोर्ट के अनुसार चीन के युवान प्रान्त में में इसको नोट किया गया। वहां पर 32 लोगो में संक्रमण पाए गए जबकि एक व्यक्ति की मोत भी हो गई।
हंता वायरस एक विशेस प्रकार के चूहों से फैलता है। अगर वायरस का वाहक चूहा किसी इंसान को काट ले या किसी जगह पर मौजूद मल - मूत्र या लार के संपर्क में इंसान आए और अपनी नाक मुँह छुए तो यह वायरस मनुष्य में प्रवेश कर जाता है
इस वायरस के कारण चूहों में कोई बीमारी नहीं होती है लेकिन इस वायरस के कारण इंसानो की मौत हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों जहां पेड़ - पौधे अधिक है वहां हन्ता वायरस का खतरा अधिक होता है , क्युकी वहां चूहे और गिलहरी ज्यादा पाए जाते है।
हंता वायरस एक विशेस प्रकार के चूहों से फैलता है। अगर वायरस का वाहक चूहा किसी इंसान को काट ले या किसी जगह पर मौजूद मल - मूत्र या लार के संपर्क में इंसान आए और अपनी नाक मुँह छुए तो यह वायरस मनुष्य में प्रवेश कर जाता है
इस वायरस के कारण चूहों में कोई बीमारी नहीं होती है लेकिन इस वायरस के कारण इंसानो की मौत हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों जहां पेड़ - पौधे अधिक है वहां हन्ता वायरस का खतरा अधिक होता है , क्युकी वहां चूहे और गिलहरी ज्यादा पाए जाते है।
हंता वायरस विशेष प्रकार के चूहों से फैलता है
CDC के मुताबिक, चूहों की चार प्रजातियां इस वायरस के वाहक है। डियर रेट इस वायरस के सबसे बारे वाहक है। America में पाए जाने वाले चूहे आम चूहों के मुकाबले ज्यादा छोटे होते है। इसकी आँख और कान बड़े होते है साथ हिन् शरीर पर बाल अधिक होते है। चूहों की अन्य तीन प्रजाति होती है जो इस वायरस का वाहक है कॉटन रेट , राइस रेट , वाइट फ़ूटेड माउस
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